जौनपुर के सहोदरपुर निवासी कृपा शंकर सिंह को भाजपा ने जौनपुर से मैदान में उतारा
1977 में कांग्रेस पार्टी से राजनीति शुरू करने वाले कृपा शंकर सिंह 4 साल पूर्व भाजपा में हुए थे शामिल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दो दिन पूर्व कृपा शंकर सिंह के मिलने के बाद ही शुरु हो गई थी अटकलें
संतोष श्रीवास्तव
जौनपुर। जौनपुर लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर भारतीयों के कद्दवार नेता और महाराष्ट्र के पूर्व गृह राज्य मंत्री कृपा शंकर सिंह को मैदान में उतारा है। जौनपुर जिले के सहोदरपुर ग्राम सभा के सामान्य कृषक परिवार में जन्मे कृपा शंकर सिंह ने 21 साल की उम्र में मुंबई की ओर रुख किया तो कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। 1972 से फार्मास्यूटिकल कंपनी में लैब असिस्टेंट के रूप में कार्य शुरू करने वाले कृपा शंकर सिंह ने 1977 में महाराष्ट्र कांग्रेस से राजनीतिक पारी शुरू की । चार वर्ष पूर्व जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने के मुद्दे से प्रभावित होकर काग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए। कृपा शंकर सिंह महाराष्ट्र विधानसभा में चार बार और विधान परिषद में एक प्रतिनिधत्व कर चुके हैं। श्री सिंह 2004 से 2009 तक महाराष्ट्र सरकार में गृह राज्य मंत्री रह चुके हैं। 2 दिन पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कृपा शंकर सिंह के मिलने के बाद ही प्रत्याशी बनाए जाने की चर्चा शुरू हो गई थी ।
उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में सदर तहसील क्षेत्र अंतर्गत सहोदरपुर (तेजी बाजार) के निवासी कृपा शंकर सिंह का जन्म 31 जुलाई 1950 को हुआ। प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही जय हिंद इंटर कॉलेज से हुई। कृपा शंकर सिंह रोजी-रोटी की तलाश में 1971 में गांव छोड़कर मुंबई की ओर रुख किया। 1972 से 1975 तक फ्रेंच फार्मास्यूटिकल कंपनी RUSSEL PHARMA में लैब असिस्टेंट के रुप में नौकरी की। इसके पश्चात 1975 से 1989 तक दूसरी फार्मास्यूटिकल कंपनी में काम करते हुए 1977 में कांग्रेस पार्टी की राजनीति शुरू की। शुरुआत में कृपा शंकर सिंह ने यूथ कांग्रेस और सेवा दल में सकरी राजनीति शुरू किया। महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी की तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा पाटिल (पूर्व राष्ट्रपति) और एन एम कांबले के सानिध्य में 1988 से 1989 तक प्रदेश संगठन मंत्री के पद पर कार्य किया। सुशील कुमार शिंदे , शिवाजी राव निलंगेकर पाटिल और शिवाजी राव देशमुख की कमेटी में महासचिव के पद पर 1991 से 1996 तक प्रदेश महासचिव की जिम्मेदारियों का निर्वहन किया। 1996 में सुशील कुमार शिंदे की अध्यक्षता में प्रदेश उपाध्यक्ष के पद पर और 1997 से 99 तक प्रदेश महासचिव के पद पर सफलतापूर्वक निर्वहन किया। 2008 से 2012 तक मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं।
1994 में प्रदेश महासचिव रहते हुए कृपा शंकर सिंह महाराष्ट्र विधान परिषद सदस्य के रूप में चुने गए। कृपाशंकर सिंह 1999 में पहली बार विधानसभा में पहुंचें। 2004 मैं दूसरी बात विधानसभा का चुनाव जीतने के बाद महाराष्ट्र सरकार में कृपाशंकर सिंह को गृहराज्य मंत्री बनाया गया। 2009 में विधान सभा चुनाव जीतने के बाद भी उन्हें मंत्री मंडल में जगह नहीं मिली। कृपाशंकर सिंह की गिनती महाराष्ट्र में उत्तर भारतीयों के बड़े नेताओं में होती है।
जम्मू कश्मीर में धारा 370 समाप्त करने का प्रस्ताव संसद में पास होने के बाद कांग्रेस नेता कृपा शंकर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए काग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया। तभी से कृपा शंकर सिंह के भाजपा में शामिल होने की अटकलें शुरू हो गई थी। 1 साल बाद कृपा शंकर सिंह ने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।