-मरीजों की जान से खिलवाड़ करने वाले दो तरह के कई कथित सर्जन पूर्वांचल के सभी जिलों में फेरी लगाकर और सेटेलाइट ऑपरेशन थिएटर खोलकर प्रसूता का चीर रहे पेट और पथरी निकालने को काट रहे पित्त की थैली l निर्धारित दुकान पर मरीजों को पहले से जुटाए रखा जाता है l
-बिना डिग्री वाला सर्जन अपने साथ लेकर चलता है दूरबीन विधि वाला उपकरण, एक जिले में एक दिन निर्धारित इलाज की दुकान पर खुद बेहोशी का इंजेक्शन लगाकर करता है सर्जरी, जौनपुर के नईगंज में तीसरे स्थान पर ओटी खोलने वाले का आजमगढ़ में भी सजी है यही दुकान l
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-कैलाश सिंह-
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लखनऊ/जौनपुर, (संडे एक्सक्लूसिव)l मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ ने मरीजों की जिंदगी से खेलने वाले कथित झोलाछाप चिकित्सकों के खिलाफ़ सख़्त कार्रवाई करने का आदेश हाल ही में जारी किया है, लेकिन ऐसी कार्रवाई को अमल में लाने वाला जिलों का प्रशासन और स्वास्थ्य महकमा क्या अपनी रफ़्तार और तरीका बदलेगा? यही सवाल प्रदेश के बुद्धिजीवियों के जेहन में कौंध रहा है, क्योंकि पूर्ववर्ती सरकारों ने भी ऐसे आदेश जारी किए थे लेकिन नौकरशाही और इन महकमों ने लागू नहीं होने दियाl अब तो किसी मरीज का केस बिगड़ने पर मामले को रफादफा करने में इन महकमों के कारिंदे पुलिस को भी सटा लेते हैं तो विरोध करने वाले मरीजों के परिजन मन मसोस कर रह जाते हैं l लेकिन सीएम योगी के आदेशों पर होने वाली कार्रवाई आमजन में भरोसे का दस्तावेज होती है l इसी से लोगों में उम्मीद की किरण बढ़ रही है l
उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में स्वास्थ्य गतिविधि में हो रहे बड़े पैमाने पर खेल की बानगी इस बार हमारे एपिशोड में और धमाकेदार है l सेटेलाइट ऑपरेशन थियेटर (ओ टी) चलाने वाले कथित दो ओ.टी सहायक (टेक्निशियन) सर्जन और बेहोशी का डॉक्टर बनकर प्रसूता के साथ जन्म लेने वाले शिशु की जिंदगी से 'गुल्ली- डंडा' खेल रहे हैंl दिलचस्प तो ये है कि ये अन्य निजी सुसज्जित अस्पतालों से आधी रकम के खर्च पर ही ओ टी के मानक को दरकिनार करके रोज़ चार से पाँच प्रसूता महिलाओं का पेट फाड़कर शिशु को निकाल रहे हैं l
हैरत तो तब हुई जब ये कथित झोलाछाप सर्जन, एनीस्थिशिया देते और ऑपरेशन करते हुए खुद के बनाये गए वीडियो अपने प्रचार के लिए सोशल मीडिया पर डाल देते हैं l इसको स्वास्थ्य विभाग ने संज्ञान में लेकर उनके कथित अस्पताल को सील कर दिया l इसके एक पखवाड़े के भीतर इस जोड़ी ने जौनपुर के नईगंज में लखनऊ रोड पर तीसरे किराए के भवन में दुकान खोल लिए l इनका एक सेटेलाइट ओ टी आजमगढ़ जिले के ठेकमा बाजार से पहले एक छोटी बाज़ार में वर्षों से खुला है l मरीज जुटाने में ये कमीशन वाले दलालों और प्रशासन से मामलों को रफादफा कराने में उन्हीं आकाओं का तरीका अपनाते हैं जहाँ ये कुछ साल ओटी तकनीकी सहायक बनकर खुद को सर्जन मान बैठे थेl इनका यह धंधा कोरोना काल से शुरू हुआ है l जिले के केराकत तहसील क्षेत्र में भी ऐसे कई कथित सर्जन की दुकानें सजी हैं l
जौनपुर की दूसरी बानगी तो और विस्फोटक है l इसने तो 35 लाख में फर्जी एम एस, एम डी की डिग्री खरीदने वाले को भी पीछे छोड़ दिया है l यह एक दशक से तमाम जिलों में फेरी लगा रहा है l अम्बेडकरनगर के अकबरपुर का रहने वाला बिना किसी डिग्री को हासिल किए यह फेरी वाला सर्जन के नाम से मशहूर है lजौनपुर, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, वाराणसी, गाज़ीपुर, मिर्जापुर, भदोही, प्रयागराज, आजमगढ़, मऊ समेत समूचे पूर्वांचल के ग्रामीण क्षेत्रों में आबाद झोलाछाप चिकित्सकों की दुकानों (क्लीनिक ) को सेट कर रखा है l साल के बारहो महीने यह रोटेशन से किसी एक जिले में पहुँचकर जुटाए गए मरीजों के पथरी वाले पित्ताशय को दूरबीन उपकरण (लेप्रोस्कोपिक) से ऐसे निकालता है जैसे मृत जानवर से गिद्ध माँस नोचते हैं, हालांकि मरीज को वह पहले ही बेहोश कर देता है l लेकिन अपने उस उपकरण को केवल स्प्रिट से पोछकर दूसरे मरीज का ताबड़तोड़ ऑपरेशन करके हर मरीज के हिसाब से तीन हजार लेकर डिब्बा समेटकर दूसरे जिले को प्रस्थान कर जाता है l अपने पीछे वह मरीज को मुफ़्त में इंफेक्सन, एच आई बी, हेपटाइटिस बी, सी जैसी बीमारियों की संभावना बढ़ाकर जाता है l बाकी अगले एपिशोड में,,,,,,, क्रमशः