मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने हैं और सभी उम्मीदवार पूरे प्रदेश में घूम-घूमकर जनता से वोट मांग रहे हैं। लेकिन मध्य प्रदेश का ही एक ऐसा बदकिस्मत गांव है, जहां विकास तो छोड़िए देश की आजादी के बाद से आजतक किसी नेता ने जाकर जनता से वोट मांगने तक की जहमत नहीं उठाई। हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के अलीराजपुर जिले में स्थित झंडाना गांव की। जब नेताओं ने सुध नहीं लो तो चुनाव आयोग ने ही इन ग्रामीणों से वोट करने की अपील की है। इसके लिए चुनाव आयोग को भी मतदान कराने के लिए इस गांव तक पहुंचने में तमाम जतन करने पड़ेंगे।
पहले नाव फिर पहाड़ों में पैदल यात्रा करके पहुंचेगा EC
17 नवंबर को मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले झंडाना गांव में मतदान केंद्र तक पहुंचने के लिए, चुनाव अधिकारियों को अपने साथ इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) ले जाने के लिए पहले नाव पर सवार होना होगा और फिर पहाड़ी क्षेत्र में पैदल ही एक कठिन रास्ता तय करना होगा।
गांव में कुल 763 पंजीकृत मतदाता
स्थानीय लोगों ने गुरुवार को कहा कि अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित अलीराजपुर विधानसभा क्षेत्र के इस सुदूर गांव के लगभग एक हजार निवासियों में से 763 पंजीकृत मतदाता हैं, लेकिन किसी भी उम्मीदवार ने इस जगह पर आने की जहमत नहीं उठाई है। मतदान केन्द्र ग्राम पंचायत भवन में बनाया गया है।
जिला मुख्यालय से बमुश्किल 60 किमी दूर
बता दें कि झंडाना गांव का अधिकांश हिस्सा सालों पहले जलमग्न हो गया था, इसके आदिवासी निवासी यहां से जाने को तैयार नहीं हैं। इन आदिवासियों को अच्छी सड़कों जैसी बुनियादी सुविधाओं के बिना ही रहना पड़ता है। यह गांव अलीराजपुर जिला मुख्यालय से बमुश्किल 60 किमी दूर है, लेकिन विकास और बुनियादी ढांचे के मामले में दशकों पीछे दिखता है। यहां चुनाव का एकमात्र संकेत कुछ घरों पर दिखाई देने वाले राजनीतिक दलों के झंडे ही हैं।
VIDEO | Madhya Pradesh elections 2023: It is election time but no candidate calls on this remote village in Narmada valley
— Press Trust of India (@PTI_News) November 11, 2023
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इस गांव में पीने का पानी एक लग्जरी
विडंबना यह है कि बैकवाटर से घिरे इस गांव में पीने का पानी एक एक लग्जरी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि गर्मियों के दिनों में हालात और भी खराब हो जाते हैं। इंसानों और मवेशियों दोनों के लिए पानी की कमी है। कुछ समय पहले ग्रामीणों ने यहां बोरवेल कराने की कोशिश की, लेकिन पहाड़ी इलाका पथरीला होने के कारण बोरवेल में पानी नहीं आया।
ग्रामीण कर रहे कंक्रीट सड़क की मांग
अलीराजपुर कलेक्टर अभय अरविंद बेडेकर ने कहा कि गांव के लिए वैकल्पिक रास्ता है, लेकिन लगभग पांच किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण कंक्रीट सड़क की मांग कर रहे हैं, लेकिन इसे वन भूमि से होकर गुजरना होगा। उन्होंने बताया, "हमने सड़क बनाने की अनुमति के लिए वन विभाग को लिखा है। मंजूरी मिलते ही सुदूर गांव सड़क योजना के तहत एक कंक्रीट सड़क बनाई जाएगी।"
बीजेपी और कांगेस के ये हैं प्रत्याशी
सत्तारूढ़ भाजपा ने अलीराजपुर निर्वाचन क्षेत्र से नागर सिंह चौहान को मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने मौजूदा विधायक मुकेश पटेल को टिकट दिया है।