अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति को लेकर कड़ा हमला बोला है। उन्होंने ट्रंप पर आरोप लगाया कि उनकी नीतियों ने भारत–अमेरिका के बीच दशकों से बनते आ रहे रणनीतिक रिश्तों को गहरा नुकसान पहुंचाया है।
बोल्टन ने सोशल मीडिया पोस्ट और इंटरव्यू के ज़रिए ट्रंप की नीतियों को “विनाशकारी” बताया और कहा कि इन गलत फैसलों के चलते भारत अमेरिका से दूर और रूस व चीन के करीब जाता दिख रहा है।
बोल्टन ने क्या कहा?
बोल्टन ने अपने आधिकारिक पोस्ट में लिखा:
🗣️ "पश्चिमी देशों ने वर्षों तक भारत को सोवियत रूस की छाया से बाहर लाने के लिए प्रयास किया... लेकिन ट्रंप ने अपनी टैरिफ नीति से वह सबकुछ नष्ट कर दिया है।"
उन्होंने इसे अमेरिका की “सबसे बड़ी रणनीतिक भूलों” में से एक करार देते हुए चेताया कि अगर इसी दिशा में कदम बढ़ते रहे, तो अमेरिका को एशिया में अपनी पकड़ कमजोर होते देखनी पड़ सकती है।
टैरिफ विवाद की पृष्ठभूमि
ट्रंप प्रशासन के दौरान भारत पर भारी आयात शुल्क (टैरिफ) लगाए गए थे — विशेष रूप से तेल और रक्षा उपकरणों को लेकर।
2025 की शुरुआत में ट्रंप ने भारत पर 50% तक अतिरिक्त शुल्क लगाने की घोषणा की थी, जिससे दोनों देशों के व्यापारिक रिश्तों में भारी तनाव पैदा हो गया।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह निर्णय रणनीतिक दृष्टिकोण से अव्यवस्थित था और इससे भारत जैसे महत्वपूर्ण साझेदार के साथ अमेरिका के संबंधों में दरार आना स्वाभाविक था।
भारत की रणनीतिक स्थिति पर प्रभाव
बोल्टन ने यह भी कहा कि ट्रंप की टैरिफ नीति ने भारत को अमेरिका से दूर किया और यह उसे रूस और चीन के साथ नजदीकी बढ़ाने की दिशा में धकेल सकता है।
यह न केवल क्वाड (QUAD) जैसी रणनीतिक साझेदारियों को प्रभावित कर सकता है, बल्कि दक्षिण एशिया में अमेरिका की दीर्घकालिक उपस्थिति को भी कमजोर कर सकता है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
बोल्टन की इस टिप्पणी को अमेरिकी राजनीति में ट्रंप की विदेश नीति पर गंभीर सवालों के तौर पर देखा जा रहा है।
भारत में भी इस बयान की चर्चा तेज हो गई है, खासकर ऐसे समय में जब दोनों देशों के बीच नए रक्षा समझौतों और टेक्नोलॉजी साझेदारियों की चर्चा चल रही है।
क्या कहते हैं जानकार?
वरिष्ठ अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार प्रो. रवि शर्मा का कहना है:
"बोल्टन का बयान सटीक है। भारत को रणनीतिक साझेदार नहीं, 'ट्रेड टारगेट' के रूप में देखना ट्रंप की भूल थी। इससे भारत का भरोसा डगमगाया है।"