पाकिस्तान की कंगाल हालत किसी से छिपी नहीं है। देश चलाने के लिए उसके मजबूरन कर्ज लेना पड़ा रहा है। दुनिया की वित्तीय संस्थाओं और अमीर देशों से वह इतना और इतनी बार कर्ज ले चुका है कि उससे सभी कन्नी काटने लगे हैं। आईएमएफ यानी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भी पाकिस्ताान को कर्ज आसानी से नहीं दिया है। इसी बीच जानकारी सामने आई है कि आईएमएफ से कर्ज लेने के लिए पाकिस्तान ने अपने दोस्त रूस को धोखा दिया और यूक्रेन को हथियार बेचे। एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है।
नकदी की कमी की समस्या से जूझ रहे पाकिस्तान ने यूक्रेन के इस्तेमाल के लिए अमेरिका को गोपनीय तरीके से हथियार बेचे, जिसने उसे इस साल की शुरुआत में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से अहम वित्तीय मदद प्राप्त करने में मदद की थी। एक रिपोर्ट में पाकिस्तान और अमेरिका सरकार के आंतरिक दस्तावेजों के आधार पर यह दावा किया गया है। ऑनलाइन जांच वेबसाइट ‘इंटरसेप्ट’ ने बताया कि ये हथियार यूक्रेन की सेना को आपूर्ति करने के मकसद से बेचे गए थे। इससे ये पता चलता है कि पाकिस्तान की यूक्रेन और रूस के संघर्ष में क्या भागीदारी है?
पाकिस्तान ने बात को बताया निराधार
बहरहाल, पाकिस्तान के विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने सोमवार को अमेरिका के गैर लाभकारी समाचार संगठन की इस रिपोर्ट को ‘निराधार और मनगढंत’ बताकर खारिज कर दिया। साथ ही कहा कि नकदी की कमी से जूझ रहे देश ने अमेरिका को हथियार उपलब्ध कराए, ताकि उसे जून के अंत में आईएमएफ के साथ तीन अरब अमेरिकी डॉलर का सौदा करने में उसका सहयोग मिल सके और वह भुगतान में चूक से बच सके। पिछले साल की शुरुआत में रूस और यूक्रेन के बीच संकट शुरू होने के बाद से पाकिस्तान, अमेरिका और रूस के साथ संबंधों में संतुलन बनाने के लिए संघर्ष कर रहा है।
आईएमएफ से बातचीत को लेकर जानिए पकिस्तान ने क्या कहा?
‘डॉन न्यूज’ समाचार चैनल ने बलूच के हवाले से कहा, ‘कठिन, लेकिन आवश्यक आर्थिक सुधारों को लागू करने के लिए पाकिस्तान और आईएमएफ के बीच ‘आईएमएफ स्टैंडबाय एग्रीमेंट फॉर पाकिस्तान’ को लेकर सफल बातचीत हुई थी। इन वार्ताओं को कोई अन्य रंग देना कपटपूर्ण कदम है।’ बलूच ने कहा कि पाकिस्तान ने दोनों देशों के बीच विवाद में ‘‘सख्त तटस्थता’’ की नीति बनाए रखी है और उस संदर्भ में उन्हें कोई हथियार या गोला-बारूद उपलब्ध नहीं कराया गया। ‘डॉन’ के अनुसार, जुलाई में पाकिस्तान की यात्रा के दौरान यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने भी ऐसी ही खबरों को खारिज किया था कि इस्लामाबाद यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति कर रहा है।