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राजस्‍थान विधानसभा चुनाव से पहले बड़ी खबर, CM गहलोत के करीबी मंत्री के खिलाफ माइंस हड़पने और चोरी को लेकर मामला दर्ज


 

राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। गहलोत सरकार में राजस्‍व मंत्री रामलाल जाट समेत पांच लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है, जिसकी जांच सीआईडी-सीबी को सौंपी गई है। रामलाल जाट को सीएम अशोक गहलोत का करीबी माना जाता है। भीलवाड़ा जिले के आसींद DSP योगेश शर्मा के अनुसार, राजस्‍व मंत्री रामलाल जाट व उनके करीबियों पूरणमल गुर्जर, महिपाल सिंह, सूरज जाट व महावीर प्रसाद चौधरी पर डरा-धमकाकर ग्रेनाइट की खान हड़पने और वहां से करीब पांच करोड़ की मशीनरी चोरी का आरोप है।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, राजस्‍थान के मंत्री रामलाल जाट का यह मामला पुराना है। राजस्‍थान हाइकोर्ट के निर्देश पर भीलवाड़ा जिले की मांडल न्‍यायालय ने करीब एक महीने पहले रामलाल जाट व अन्‍य आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दिया था, लेकिन भीलवाड़ा पुलिस इनको कथित तौर पर बचा रही थी। कोर्ट के आदेश के बावजूद इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने से पुलिस बच रही थी।

क्या है आरोप?


मुबंई निवासी परमेश्‍वर जोशी मूलरूप से राजसमंद के झीलवाड़ा के रहने वाले हैं। साल 2022 में जोशी ने अजमेर रेंज आईजी व भीलवाड़ा एसपी को शिकायत देकर बताया कि साल 2014 में उसने ग्रेनाइट की खान लीज पर ली थी। महिपाल सिंह, महावीर चौधरी और सूरज जाट ने साल 2021 में खान में अवैध रूप से खनन शुरू कर दिया। 

आरोपियों ने उनको राजस्‍व मंत्री रामलाल जाट का नाम लेकर धमकाया। परमेश्‍वर जोशी ने पुलिस को अपनी रिपोर्ट में यह भी बताया कि उसकी ग्रेनाइट की खान को विस्‍फोट से उड़ाने और जान से मारने की धमकी देकर उस पर साझेदारी कर लेने का दबाव बनाया गया। 

उस समय जाट ने पांच करोड़ रुपए देने का भरोसा दिलाया था, लेकिन बाद में पैसा देने में आनाकानी करने लगे। खनन कंपनी में राम लाल जाट की पत्नी शेयर होल्डर हैं, जिसके दस्तावेज मौजूद हैं।  गहलोत के मंत्री की दादागीरी को लेकर पीड़ित ने देश के गृह मंत्री से से लेकर हर किसी को चिट्ठी लिखी है।

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